Monday 6 June 2016

एक रिश्ता

एक अजीब सा रिश्ता है
संग उसके
 रिश्ता वो जो न उसने बनाया
 न मैंने बनाया
बस बातों ही बातों में बन गया
कुछ उसकी नादानियाँ
कुछ मेरी मासूमियत
दोनों ने मिलकर ऐसा
समा बांघा कि सबकी जुबां पर
हमारा नाम आ गया
पर लड़ते झगड़ते हैं हम
उसी में कुछ खुशी है
और वही तो एक रिश्ता है 

दीप जले तो जीवन खिले

अँधेरे में जब उम्मीदें मर जाएं, दुखों का पहाड़ जब मन को दबाए, तब एक दीप जले, जीवन में उजाला लाए, आशा की किरण जगमगाए। दीप जले तो जीवन खिले, खु...