नया रास्ता


जो जाना-पहचाना है, उसमें रहना आसान होता है,
पर बदलाव तभी आता है, जब हम अपने आराम से बाहर निकलते हैं।

ज़िंदगी इंतजार नहीं करती, और मुझे भी नहीं करना चाहिए,
अगर मैं आगे नहीं बढ़ रहा, तो मैं बस वहीं खड़ा हूँ, जहाँ मैं था।

हर कदम बढ़ाने से, हर डर को पार करने से,
मैं वही बनता हूँ, जो कभी सोचा भी नहीं था।

अब वक्त है, खुद को नया मुकाम देने का,
अब रुकना नहीं, अब बढ़ते जाना है।

ज़िंदगी की रेस में, पीछे छोड़ देना है,
अब समय है, खुद को एक नए स्तर पर ले जाना है।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...