नया रास्ता


जो जाना-पहचाना है, उसमें रहना आसान होता है,
पर बदलाव तभी आता है, जब हम अपने आराम से बाहर निकलते हैं।

ज़िंदगी इंतजार नहीं करती, और मुझे भी नहीं करना चाहिए,
अगर मैं आगे नहीं बढ़ रहा, तो मैं बस वहीं खड़ा हूँ, जहाँ मैं था।

हर कदम बढ़ाने से, हर डर को पार करने से,
मैं वही बनता हूँ, जो कभी सोचा भी नहीं था।

अब वक्त है, खुद को नया मुकाम देने का,
अब रुकना नहीं, अब बढ़ते जाना है।

ज़िंदगी की रेस में, पीछे छोड़ देना है,
अब समय है, खुद को एक नए स्तर पर ले जाना है।


मेरा मध्‍य बिंदु

जब नींद अभी आई नहीं, जागरण विदा हुआ, उस क्षण में मैंने स्वयं को महसूस किया। न सोया था, न जागा था मैं, बस उस मध्‍य बिंदु पर ठहरा था मैं। तन श...