Wednesday 13 June 2018

शून्य






सबसे पीछे से जो शुरू हो वही शून्य है.

शून्य का मतलब कुछ भी नही होना है

और शून्य का मतलब सब कुछ होना भी है

शून्य से हम शूरू करते हैं

और खत्म भी हम शून्य पर होते हैं

यानि शून्य अतं हैऔर अंत हिन भी है

शून्य पर हम रह नही सकते

मगर शून्य के बिना भी हम रह नही सकते

शून्य जन्म होना है और

शून्य मृत्यु होना भी है




दीप जले तो जीवन खिले

अँधेरे में जब उम्मीदें मर जाएं, दुखों का पहाड़ जब मन को दबाए, तब एक दीप जले, जीवन में उजाला लाए, आशा की किरण जगमगाए। दीप जले तो जीवन खिले, खु...