शून्य






सबसे पीछे से जो शुरू हो वही शून्य है.

शून्य का मतलब कुछ भी नही होना है

और शून्य का मतलब सब कुछ होना भी है

शून्य से हम शूरू करते हैं

और खत्म भी हम शून्य पर होते हैं

यानि शून्य अतं हैऔर अंत हिन भी है

शून्य पर हम रह नही सकते

मगर शून्य के बिना भी हम रह नही सकते

शून्य जन्म होना है और

शून्य मृत्यु होना भी है




No comments:

Post a Comment

thanks

कृत्रिम मेधा

  कृत्रिम मेधा मन के दर्पण की छवि बनाए, मशीनों को जीवन का रंग दिखाए। कभी आँकड़ों की गहराई में उतरे, कभी भविष्य की संभावनाओं को पकड़े। स...