हर दिल में बस, प्यार ही भर देता है।

बूँदें गिरती हैं, धरती मुस्कुराती है,
बादलों की चादर से सजी, ये शाम सुहानी है।

फूलों की महक में, दिल खो जाता है,
हर लम्हा यहाँ, प्रेम का गीत गाता है।

नदियाँ बहती हैं, रागिनी सुनाती हैं,
पर्वतों की ऊँचाई, सपनों को बुलाती है।

चाँदनी रात में, तारे सजते हैं,
हर दिशा में बस, खुशियाँ ही बिखरती हैं।

ये प्रकृति का खेल, मन मोह लेता है,
हर दिल में बस, प्यार ही भर देता है।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...