यह हवा क्यों चल रही है

"यह हवा क्यों चल रही है,
क्या उसमें कोई राज है।
धीरे-धीरे बता दे तू,
क्या मैं हूँ तेरा अब भी साथ हूँ।।

चलती है हवा, बस कहीं तक,
खो गया हूँ खुद से, अब रास्ते में।
क्या वो तेरा ही साया है,
या मेरी धड़कन की सदा है।।

रोशनी है, और हैं अंधेरे,
क्या तू मेरी जिंदगी का सहारा है।
या फिर सपनों का एक ख्वाब है,
जो टूट जाएगा, जैसे ही सुबह है।।

यह हवा क्यों चल रही है,
क्या उसमें कोई राज है।
धीरे-धीरे बता दे तू,
क्या मैं हूँ तेरा अब भी साथ हूँ।।"

चलो नई दुनिया में, नया सफर तय करें,

चलो नई दुनिया में, नया सफर तय करें,
कुछ नया करने का, हर दिन इंतजार करें।
रुकना नहीं है, न कभी थमना है,
नए सपनों को, हर पल पार करें।

उड़ान भरें आसमान की ऊँचाईयों को,
सपनों के रंग में, हर दिन रंगें जिओ।
करें नया कुछ, बनाएं नए इतिहास,
जीवन को सार्थकता से भरें, नया जीने का संघर्ष करें।

नई दुनिया के सफर में, नई राहें चुनें,
अपने सपनों की पहचान में, अपने लक्ष्य को पाएं।
बड़ा सपना देखें, बड़ा ही करें,
नए दिन का स्वागत करें, नया जीवन अपनाएं।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...