जीवन की पुकार सुनो,

जीवन की पुकार सुनो,
हर पल को गले लगाओ।
मत रोको हँसी की धार को,
मत थामो दिल की पुकार को।
जीवन का हर रंग, हर खुशी,
तुम्हारे स्वागत में है खड़ी।

क्यों रुको तुम इस राह पर,
खुशियों को क्यों दो इंतजार?
हँसी का हर एक कतरा,
जैसे ओस की बूंद सवेरे की,
छोटा सही, पर गहरा है,
अमूल्य क्षणों का चेहरा है।

जो आज है, बस वही सच है,
कल का भरोसा नहीं है।
आओ, हर क्षण को भर लो प्रेम से,
हर हँसी, हर आह्लाद से।
दिल के बंद दरवाजों को खोलो,
हर पंख को ऊंची उड़ान दो।

जीवन का आनंद लूटो ऐसे,
जैसे कोई समंदर की लहरों से खेलता है।
समर्पण से जियो, निर्भय बनो,
हर दर्द, हर सुख को अपनाओ।

तो क्यों बैठो हाथ पर हाथ रख,
जीवन एक उत्सव है, इसे जीओ।
हर क्षण में प्रभु का वरदान है,
आओ, इसे प्रेम से सजाओ।

कभी लौट के न आएँगी ये घड़ियाँ,
जो बीत रही हैं, ये अमर कहानियाँ।
तो बढ़ो, मुस्कुराओ, प्रेम लुटाओ,
इस पल में ही जीवन का असली रंग पाओ।


जीवन पुकार रहा है, अब क्यों ठहरें?

जीवन पुकार रहा है, अब क्यों ठहरें?
हर पल को गले लगाएँ, हँसी को बाँहों में भरें।
क्यों सुख को टालें, क्यों हँसी में देर करें,
जो सच में हो, उसे ही जिएं और महसूस करें।

अभी है समय जीने का, यह पल खास है,
कल किसने देखा, आज ही विश्वास है।
वर्तमान में खोने का मज़ा, अनोखा और गहरा,
हर धड़कन में बसी है जीवन की एक नई लहर।

चमकता सूरज, बहती हवा, और खिलता फूल,
सब कुछ है प्यारा, सब कुछ है खुला और धूल।
तारे टिमटिमाते, चाँदनी छूने को आतुर,
जीवन के इस खेल में, क्यों हम हों दूर?

अपनी सच्चाई में झलके जो, वही सबसे सुंदर,
अपने आप को पाओ, बिखेरो वो खुशी का खंजर।
जीवन का हर क्षण एक दावत है, एक उत्सव,
अपने भीतर की रोशनी को उजागर करो सजीव।

जीवन है अब, जीवन है यहाँ,
इस पल में है सारा जहाँ।
पल-पल को जियो, हर लम्हा अपनाओ,
जीवन के इस आह्वान को सच में निभाओ।


अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...