असामान्यता की राह


साधारण से परे है जो,
वह जीवन का सार है।
न होना सामान्य यह,
खुद में ही अद्भुत उपहार है।

हर राह नई चुनौतियाँ लाए,
हर कदम पर संघर्ष हो।
पर इस असामान्यता में ही,
जीवन का सबसे बड़ा उत्कर्ष हो।

"उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं" की,
यह गीता का संदेश है।
आत्मा को ऊपर उठाना ही,
जीवन का विशेष आदेश है।

 देखो  उनका जीवन,
जिन्होंने राह नई बनाई।
उनकी सोच की असामान्यता ने,
दुनिया को नई दिशा दिखाई।

समाज के साँचे में ढलना नहीं,
हर कोई नहीं होता है यहाँ।
अपनी राह खुद बनानी है,
यही असली पहचान है जहाँ।

इस यात्रा में हो सकती हैं,
कई मुश्किलें और बाधाएँ।
पर आत्मा की आवाज सुनो,
यही असली है राह सही।

असामान्यता को अपनाओ,
यही है असली ताकत।
साधारण से हटकर जीना,
जीवन का असली मकसद।

तुम्हारी यह अनूठी पहचान,
तुम्हें सबसे अलग बनाएगी।
अपना उद्देश्य पूरा कर,
नई दिशा की ओर ले जाएगी।


इस असामान्यता को गले लगाओ,
यह जीवन का सच्चा रंग है।
अपनी राह खुद चुनो,
यही जीवन का असली संग है।

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