लड़ाई
अपने आप से लड़ रहा हूं
मै
एक दोष है मुझमे जिसे दूर
करना चाहता हूं
मगर न जाने क्यों अपने आप
से हार जाता हूं मै
अपने हाथ से ही अपने आप
को मारता जा रहा हूं
ये कैसी लड़ाई है ?
जिसमे जीत भी मेरी, और हार भी मेरी
क्या कबूल करूं ?
ना जीत चाहता हूं ना हार
फिर भी न जाने क्यो
अपने आप से लड़ रहा हूं
मैं