जीवन की यात्रा


यह सच है, जीवन एक खुली किताब है,
जहाँ तुम पाठक नहीं, लेखक हो,
कभी चित्रकार, कभी आलोचक।
हर पन्ने पर तुम अपनी कहानी लिखते हो,
हर मोड़ पर अपनी दिशा तय करते हो।

तुम्हारी कल्पना है जो आसमान को रंगती है,
या कभी उसे निर्विकार छोड़ देती है।
यह तुम्हारी इच्छा है,
कि हर क्षण को कैसे जीना है।

कभी तुम संघर्षों को चुनते हो,
कभी शांतियों में खो जाते हो।
यह तुम्हारा चुनाव है,
तुम क्या चाहते हो, वही हो जाता है।

कोई बंधन नहीं, कोई मजबूरी नहीं,
सब कुछ तुम्हारे हाथ में है।
लेकिन सबसे बड़ी बात,
तुमने जो किया, वही तुम्हारा चुनाव था।

इस यात्रा में तुम खुद के लेखक हो,
तुम्हारे हर कदम में एक नई कथा है।
कभी कुछ नहीं करना भी एक चुनाव है,
और वह भी तुम्हारा है।

क्योंकि अंत में, यह जीवन कोई गंतव्य नहीं,
बल्कि एक अनगिनत विकल्पों की यात्रा है,
जहाँ हर पल तुम्हारी रचना है,
और तुम खुद ही उसका निर्णायक हो।


सिनेमा का साधक



सपनों को कैनवास पर उकेरता हूँ,
दिन की नौकरी में खुद को खोजता हूँ।
रात के सन्नाटों में कहानियाँ बुनता,
हर फ्रेम में अपना दिल रखता हूँ।

नहीं मापता खुद को पैसे से,
कला की परिभाषा मेरे प्रयास से।
फिल्मकार हूँ मैं, इस पहचान से नहीं,
बल्कि उस जुनून से, जो रगों में बहता है कहीं।

हर सुबह काम पर चलता हूँ,
लेकिन रातों में सिनेमा जीता हूँ।
कहते हैं, जो नाम कमाए वही महान,
मैं कहता हूँ, जो दिल लगाए वही सच्चा इंसान।

तो आज भी मैं अपने सपने जिंदा रखूँगा,
काम के बाद भी कहानियों को रचूँगा।
फिल्में मेरी आत्मा हैं, मेरी आवाज़ हैं,
मैं फिल्मकार हूँ, यही मेरी पहचान है।


श्रेष्ठ पुरुष के प्रतीक

एक शरीर जो ताजगी और ताकत से भरा हो, स्वस्थ आदतें, जो उसे दिन-ब-दिन नया रूप दें। ज्ञान की राह पर जो चलता हो, पढ़ाई में समृद्ध, हर किताब में न...