यह सच है, जीवन एक खुली किताब है,
जहाँ तुम पाठक नहीं, लेखक हो,
कभी चित्रकार, कभी आलोचक।
हर पन्ने पर तुम अपनी कहानी लिखते हो,
हर मोड़ पर अपनी दिशा तय करते हो।
तुम्हारी कल्पना है जो आसमान को रंगती है,
या कभी उसे निर्विकार छोड़ देती है।
यह तुम्हारी इच्छा है,
कि हर क्षण को कैसे जीना है।
कभी तुम संघर्षों को चुनते हो,
कभी शांतियों में खो जाते हो।
यह तुम्हारा चुनाव है,
तुम क्या चाहते हो, वही हो जाता है।
कोई बंधन नहीं, कोई मजबूरी नहीं,
सब कुछ तुम्हारे हाथ में है।
लेकिन सबसे बड़ी बात,
तुमने जो किया, वही तुम्हारा चुनाव था।
इस यात्रा में तुम खुद के लेखक हो,
तुम्हारे हर कदम में एक नई कथा है।
कभी कुछ नहीं करना भी एक चुनाव है,
और वह भी तुम्हारा है।
क्योंकि अंत में, यह जीवन कोई गंतव्य नहीं,
बल्कि एक अनगिनत विकल्पों की यात्रा है,
जहाँ हर पल तुम्हारी रचना है,
और तुम खुद ही उसका निर्णायक हो।