दोस्ती का संगम



अगर कभी तुमने दोस्ती के किनारे न मिलाए,
तो वो जादू कभी नहीं देखा होगा, जो दिलों को लुभाए।
जहाँ बातें हों अलग-अलग रास्तों से आईं,
और मुस्कानें बन जाएँ सबकी परछाईं।

रिश्तों को बांधने का ये जोख़िम जरूरी है,
क्योंकि प्यार का रंग तब ही पूरा है।
जब दोस्त तुम्हारे एकसाथ हँसे-गाएँ,
और पुरानी यादें नई कहानियाँ बन जाएँ।

सोचो, वो पल जब रसोई में तुम अकेले,
और हॉल में हर कोना चहके, मेले जैसे।
किसी का ठहाका, तो किसी की कहानियाँ,
और तुम बस अपनी खुशी के प्याले में हो।

ज़िंदगी के ये पल अनमोल होते हैं,
जो दोस्ती के संगम से संजोए जाते हैं।
तो डर छोड़ो, दरवाज़े खोल दो,
अपने दिल और घर को सबके लिए खोल दो।

क्योंकि जब दिल मिले, तो जश्न का शोर होता है,
और हर घूँट में ज़िंदगी का स्वाद होता है।


मैं, ब्रह्मांड का अंश, ब्रह्मांड मुझमें

मैं, एक अणु, जो ब्रह्मांड में विचरता, ब्रह्मांड का अंश, जो मुझमें बसता। क्षितिज की गहराई में, तारे की चमक में, हर कण में, हर क्ष...