शुरुआत

किसी  के  इंतजार मे दिन ढल गया

तो किसी  के इंतजार मे शाम निकल गयी
और रात आते अंधेरे से बात हो गयी
जिसका था इंतजार
नही आया वो  अबकी बार
पर अपने आप से मुलाक़ात हो गयी

तो एक खुश नुमा सुबह तैयार हो गयी

और उसके बाद एक नयी दिन के शुरुआत हो गयी