एक दीपक जलता है, दीप्ति से अभिभूत,
सिनेमा की दुनिया में, वोह अद्भुत संवाद।
नई रोशनी में उमंग, नए सपनों की राह,
दिल में छूटे, विचारों का एक नया संग्राह।
दोस्तों की दीप्ति, थोड़ी सी जलन सी,
मिली दोस्ती का रंग, दिल को मिली राहत की भी।
कुछ तो हुआ है दिल में, कुछ बसा है धड़कनों में,
यमुनानगर से दिल्ली, सफर भरा है जीने की रंगीन यात्रा में।
साथ चलते हैं दोस्त, सफर की इस राह में,
कुछ पता नहीं बट रहा, क्या है यह लड़ाई किस से।
सफर में हूं, बस निरंतर सफर में,
दोस्तों के संग, अनजानी यात्रा में।