पसीने से नहीं, बुद्धि से जीत



मत बनाओ मेहनत को पूजा का मन्त्र,
जहां हर सांस बस थकावट का तंत्र।
जीवन न सिर्फ दौड़ है, न केवल जंग,
यह है समझदारी का संतुलित रंग।

जिन्हें पता है कैसे समय को साधना,
और सिस्टम से अपने काम को बांधना।
वे ही होते हैं असली विजेता,
जो मेहनत से पहले सोच को देते बढ़त।

पसीने में खो जाना कोई सफलता नहीं,
थकावट में डूब जाना कोई बल नहीं।
सफल वही, जो योजना से चले,
अपने साधनों को चतुराई से संभाले।

हर जीत न दौड़ कर पाई जाती है,
कभी-कभी स्थिरता ही विजय दिलाती है।
जो सिस्टम बनाकर अपनी राह सजाते,
वही बिना जले, ऊंचाई तक जाते।

ग्राइंड को न बनाओ अपनी पहचान,
यह जीवन की ऊर्जा को करता है क्षीण।
स्मार्ट काम करो, न केवल कठिन,
ताकि हर कदम बने एक मजबूत भवन।

समझो लीवरेज का अनोखा खेल,
जहां कम मेहनत में मिलता है बेहतर मेल।
समय, तकनीक और ज्ञान का संग,
यही बनाता है भविष्य का रंग।

तो मत जलाओ खुद को हर नई जीत में,
शांति से बढ़ो अपनी समझ की रीत में।
महानता उसी की होगी अंत में,
जो बुद्धिमत्ता से चलता है संतुलन में।


बारिश का अनूठा रूप

बारिश का अनूठा रूप,
कभी मीठी, कभी खतरनाक, कभी रोमांटिक।
पर्वतों पर गिरती धारा,
समुद्र की लहरों में उफान भरती।

भीगे बादलों की गोद में,
धरती हरी चूनर ओढ़े।
कभी अमृत की बूंदें बरसती,
कभी बाढ़ का कहर लाती।

पर्वतों की चोटियों पर,
ओस की बूंदों का नृत्य।
समुद्र की गोद में मिलकर,
लहरों का संगीत बहता।

मीठी फुहारों में भीगे रास्ते,
मन की गहराइयों में छा जाती।
प्यार का संदेशा लेकर आती,
प्रकृति का नृत्य, जीवन का रंग।

लेकिन कभी-कभी ये बारिश,
कहानी बन जाती त्रासदी की।
बाढ़ के रूप में उग्र होती,
नदियों के किनारे उजड़ जाते।

बारिश का ये अनूठा रूप,
जीवन की विविधता का प्रतीक।
कभी रोमांटिक, कभी खतरनाक,
प्रकृति का यह अद्वितीय संगीत।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...