बारिश का अनूठा रूप

बारिश का अनूठा रूप,
कभी मीठी, कभी खतरनाक, कभी रोमांटिक।
पर्वतों पर गिरती धारा,
समुद्र की लहरों में उफान भरती।

भीगे बादलों की गोद में,
धरती हरी चूनर ओढ़े।
कभी अमृत की बूंदें बरसती,
कभी बाढ़ का कहर लाती।

पर्वतों की चोटियों पर,
ओस की बूंदों का नृत्य।
समुद्र की गोद में मिलकर,
लहरों का संगीत बहता।

मीठी फुहारों में भीगे रास्ते,
मन की गहराइयों में छा जाती।
प्यार का संदेशा लेकर आती,
प्रकृति का नृत्य, जीवन का रंग।

लेकिन कभी-कभी ये बारिश,
कहानी बन जाती त्रासदी की।
बाढ़ के रूप में उग्र होती,
नदियों के किनारे उजड़ जाते।

बारिश का ये अनूठा रूप,
जीवन की विविधता का प्रतीक।
कभी रोमांटिक, कभी खतरनाक,
प्रकृति का यह अद्वितीय संगीत।

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