नैतिकता की राह पर, जीत हमारी है।
मजबूरियों के संघर्ष से उभरता है निर्णय,
आदतों की बदली दिशा, सच्चाई की पहचान।
हर फैसले का परिणाम, अपने अंतर की युद्ध,
खुद के साथ खड़ा, बनता है हमारा मुकाबला।
क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...