प्रेम की प्रतीक्षा



जब दिल की आवाज़ बनूँ मैं,
तेरे अहसास में समाऊँ मैं।
मेरा चेहरा तेरे ख्वाबों में हो,
और तू मेरे खयालों में खो जाए।

प्रेम तो हर कोई कर लेता है,
पर इंतज़ार और वफ़ा की राह कठिन है।
यह एक साधना है, त्याग का प्रतीक,
जो हर दिल का हौसला नहीं।

सच्चे प्रेम का अर्थ समझना है,
हर दर्द को हँसकर सहना है।
जो इस राह पर चल सके,
वही प्रेम में अमर हो सके।


मृगतृष्णा

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