सफर की कहानी, निरंतर चलती जाती,हर पल, हर क्षण, नए रंग लाती।

एक दीपक जलता है, अंधकार में खोजता,
दीप्ति की खोज में, जीवन का सफर चलता।

नई रोशनी में, उमंग की लहर उठती,
दिल में कुछ तो है, जो बस है बसती।

दोस्ती की राहों में, थोड़ी जलन सी है,
दिल जुड़ रहा है, और कहीं टूट भी रहा है।

अपने आप से लड़ाई, या दोस्तों से कुछ बातें,
यह क्या लड़ाई है, जिसमें खोया हर एक साथी।

यमुनानगर से दिल्ली, सफर में हैं तेरे,
कुछ तो बात है, जो अब तक है भरे।

सफर की कहानी, निरंतर चलती जाती,
हर पल, हर क्षण, नए रंग लाती।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...