नफरत से ऊपर उठो



नफरत की आग है जलाने वाली,
पर इंसानियत है इसे बुझाने वाली।
क्यों वक्त बर्बाद करें बैर निभाने में,
जब दिल खुश हो सकता है प्यार बसाने में।

जो नफरत करे, उसे तुम समझने दो,
अपने दिल को बड़ा, और सच्चा बनने दो।
नफरत तो कमजोर की पहचान है,
मगर माफी से बनती इंसान की जान है।

"अहिंसा परमो धर्मः," यही है सिखाया,
हर दिल में प्रेम का दीप जलाया।
क्योंकि जो ऊपर उठते हैं नफरत से,
वही होते हैं असली ताकत के हिस्से।

तो छोड़ दो वो शिकवे-गिले,
दिल को भरने दो खुशियों के किले।
प्यार, करुणा, और सहनशीलता का रास्ता अपनाओ,
नफरत से ऊपर उठकर दुनिया को दिखाओ।

तुम्हारा दिल है तुम्हारा सबसे बड़ा हथियार,
इसे नफरत में नहीं, प्रेम में करो तैयार।
उठो, बढ़ो, और दिखाओ संसार को,
कि नफरत से ऊपर उठना, असली जीत है जो।


नफरत से ऊपर उठो



नफरत की आग में जलना क्यों,
जब प्रेम का सागर बहाना भी है।
हर चिंगारी से दूर रहो,
अपने दिल को उजाला बनाना भी है।

जो नफरत करें, उन्हें क्षमा करो,
क्योंकि उनके दिल में अंधेरा भरा है।
तुम अपने प्रकाश से चमको,
जो सत्य और प्रेम से सजा है।

"विद्या ददाति विनयं,"
ज्ञान से विनम्रता का जन्म होता है।
और विनम्रता से प्रेम का वृक्ष पनपता है,
जो नफरत की जड़ों को उखाड़ देता है।

जो नीचे खींचें, तुम ऊपर उठो,
अपनी अच्छाई से हर दीवार को तोड़ो।
नफरत के बदले प्रेम दिखाओ,
और दुनिया को अपने संग जोड़ो।

आगे बढ़ो, नफरत से परे,
तुम्हारा मार्ग तुम्हारा है, ये तय करो।
क्योंकि जो नफरत से ऊपर उठता है,
वो ही सच्चे इंसान की परिभाषा लिखता है।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...