ब्रह्मांड और साहस


जो डरे, संभल कर चलता,
उसके हिस्से शांति है छोटी।
जो साहस से बढ़ाए कदम,
ब्रह्मांड उसकी राह संजोती।

लक्ष्य बनाओ जो डरा दे,
दिल को जो उत्साहित कर दे।
सपने वो जो खींचें आगे,
जो तुम्हें खुद से बड़ा कर दे।

सामर्थ्य है तुम्हारे भीतर,
बस खुद पर विश्वास जगाओ।
ऊर्जा जो तुमसे निकलेगी,
ब्रह्मांड वही लौटाएगा।



मैं, ब्रह्मांड का अंश, ब्रह्मांड मुझमें

मैं, एक अणु, जो ब्रह्मांड में विचरता, ब्रह्मांड का अंश, जो मुझमें बसता। क्षितिज की गहराई में, तारे की चमक में, हर कण में, हर क्ष...