ब्रह्मांड और साहस


जो डरे, संभल कर चलता,
उसके हिस्से शांति है छोटी।
जो साहस से बढ़ाए कदम,
ब्रह्मांड उसकी राह संजोती।

लक्ष्य बनाओ जो डरा दे,
दिल को जो उत्साहित कर दे।
सपने वो जो खींचें आगे,
जो तुम्हें खुद से बड़ा कर दे।

सामर्थ्य है तुम्हारे भीतर,
बस खुद पर विश्वास जगाओ।
ऊर्जा जो तुमसे निकलेगी,
ब्रह्मांड वही लौटाएगा।



श्रेष्ठ पुरुष के प्रतीक

एक शरीर जो ताजगी और ताकत से भरा हो, स्वस्थ आदतें, जो उसे दिन-ब-दिन नया रूप दें। ज्ञान की राह पर जो चलता हो, पढ़ाई में समृद्ध, हर किताब में न...