धुप में जलता है सूरज, साया नहीं पाता,

धुप में जलता है सूरज, साया नहीं पाता,
जीवन के संग्रह में, दर्द का अध्याय होता।

सफ़र का हर क़दम, जिंदगी की राह ले जाता है,
गम की गहराइयों में, अज्ञाता का सवाल बन जाता है।

संघर्ष की धूप में, हौसला बुलंद होता है,
सन्नाटे की रात में, आशा का दीप जलता है।

सूरज की किरणें, रोशनी का संदेश लेकर आती हैं,
गहरे अंधकार में, उम्मीद का सागर छाता है।

गम का हारा सूरज, जीवन का संग्रह होता है,
जिंदगी की कविता में, हर रंग का अर्थ छुपा होता है।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...