सच की परछाई



चोटें गहरी, पर नजरों से ओझल,
मन के घावों से छुपा हर कोलाहल।
जो दिखता है, वह सच नहीं होता,
ध्यान का पर्दा प्यार नहीं होता।

आसक्ति की डोरें बांधती तो हैं,
पर उनसे जुड़ाव का एहसास कहां?
सच के रंग में छलावे छिपे,
सम्बन्धों में खोया विश्वास कहां?

न्यूनतम प्रयास, बस दिखावे के लिए,
दिल की गहराइयों में कुछ भी नहीं।
जो जलता है, वह केवल धुआं है,
असली आग का ताप कहीं नहीं।

सच को समझ, खुद को संभाल,
घावों को भर, नए ख्वाब पाल।
प्यार वही, जो खुद में पूरा हो,
जो ध्यान से नहीं, दिल से महसूस हो।

नंगा कर खुद को, इस तरह से,
कि तू देख सके उस सच्चाई से।
ध्यान का छल, आसक्ति का भ्रम,
सब धुंधला हो जाए जीवन में कम।


भरोसे का पुल



चट्टानों के बीच एक पुल बना,
कभी भरोसे का, कभी छल का सपना।
तेंदुआ और हिरण का यह दृश्य,
सिखाए जीवन के अनगिनत सत्र।
हिरण के मन में विश्वास था गहरा,
पर तेंदुए का इरादा था कुछ और ही ठहरा।
जिन हाथों पर रखो उम्मीद की डोर,
वही बदल सकते हैं दिल, बिना कोई शोर।

जीवन का ये अटल नियम,
हर चेहरे पर न करना भ्रम।
जो आज अपना है, कल पराया हो सकता,
जो संग है आज, कल छल कर सकता।

भरोसे की डगर पर चलना है सावधान,
हर मुस्कान के पीछे हो सकता है तूफान।
दिल को सिखाओ देखने की दृष्टि,
हर भावना की पहचान में हो निपुणता निश्चित।

संदेश यह है जीवन का गूढ़,
भरोसे के साथ रखो विवेक का सूत्र।
कभी न करना अंधा भरोसा किसी पर,
क्योंकि लोग बदलते हैं पलभर में, इधर-उधर।

तो चलो, बनाओ दिल में संतुलन,
न अति भरोसा, न शंका का पलन।
स्नेह रखो पर हो समझदारी की नींव,
तभी बचेगा जीवन का यह सुंदर जीव।

विश्वास के पुल पर, कंटीले बिछे,
हर कदम पर धोखे के निशाँ दिखे।
चीते की पूंछ पर बना ये सेतु,
न जाने कब टूट जाए ये एक क्षण में।

हिरण के मन में मासूमियत है,
पर दुनिया की चालाकी भी साथ है।
जो साथी है आज, कल वो शत्रु बन जाए,
वक़्त के साथ इंसान बदल जाए।

आँख मूंदकर भरोसा करना सिखाया,
पर सच की राह में विश्वास डगमगाया।
दिल को छलते रिश्तों के किस्से,
हर कोने में बिखरे दर्द के हिस्से।

जीवन का पाठ है, हरदम सीखो,
पर अनुभव से ही गहराई पहचानो।
जो चमकती है सोना नहीं होती,
जो साथ है सदा सही नहीं होती।

सावधान रहो, पर भरोसा भी रखो,
सच्चाई के साथ अपने कदम रखो।
हर रिश्ता है एक अग्निपरीक्षा,
विश्वास का दीपक जलाए रखना।




मैं, ब्रह्मांड का अंश, ब्रह्मांड मुझमें

मैं, एक अणु, जो ब्रह्मांड में विचरता, ब्रह्मांड का अंश, जो मुझमें बसता। क्षितिज की गहराई में, तारे की चमक में, हर कण में, हर क्ष...