मत बांधो खुद को इस दौड़ की बेड़ी में,
जहां हर कदम हो जंजीर तेज़ी की।
जीवन का मूल्य है संतुलन और योजना,
न कि जलना हर पल की होड़ में।
जो समझते हैं संसाधनों का खेल,
वे ही रचते हैं सफलता का मेल।
थोड़ा प्रयास, पर सही दिशा में,
यही बनता है हर बड़ी जीत का कारण।
क्या फायदा उस जीत का,
जो ले जाए तुम्हें थकावट के घाट तक?
जहां हर कदम भारी हो जाए,
और अंत में बस खालीपन रह जाए।
सच्चाई यह है कि दुनिया बदल रही है,
अब मेहनत से ज्यादा चतुराई जरूरी है।
टेक्नोलॉजी, सिस्टम और नेटवर्क का जाल,
यही है सफलता का असली कमाल।
बनाओ ऐसे तंत्र, जो खुद काम करें,
तुम्हारी ऊर्जा को स्थायी नाम करें।
कड़ी मेहनत की जगह स्मार्ट योजना,
यही है अब सफलता की सही परिभाषा।
जो थककर गिरते हैं हर बार,
वे जीत के करीब नहीं, बस हार के पास।
पर जो सोचते हैं गहराई से हर कदम,
वे रचते हैं इतिहास का नया आलम।
ग्राइंड का नहीं, सोच का जमाना है,
जहां सिस्टम से ही सफलता का खजाना है।
समय का सही उपयोग ही कुंजी है,
न कि हर पल खुद को खत्म करने की दुर्दशा।
इसलिए छोड़ो इस भागदौड़ का जाल,
सफलता के लिए उठाओ सही सवाल।
कैसे काम हो समझदारी से आसान,
तभी मिलेगा तुम्हें सच्चा सम्मान।
दुनिया उन्हीं की होगी, जो सिखेंगे,
लीवरेज और सिस्टम से आगे बढ़ेंगे।
तो मेहनत को बस एक साधन मानो,
स्मार्ट सोच से अपने सपनों को सजाओ।