हँसी

हँसी की राह पर चलो, ज़िंदगी का सफर है,
मुस्कान की बादलों को, दिल से चुनो प्यार से बारिश करो।

छोटी-छोटी खुशियाँ हैं, छुपे हैं छोटे ग़म,
हंसते हुए जीने का, इस ज़िन्दगी का मक़सद है।

चेहरे पर मुस्कान, दिल में खुशियों की उड़ान,
हँसते रहो, गाते रहो, ये ज़िन्दगी है एक गुलज़ार।

गुज़रते लम्हों को पकड़ो, ख़ुद को खो दो इनमें,
हँसी की कहानियों में, तुम्हें खो जाने दो, मस्ती में।

हँसी की राह पर चलो, ज़िंदगी का सफर है,
मुस्कान की बादलों को, दिल से चुनो प्यार से बारिश करो।

अब मैं खुद को नहीं खोऊँगा


मैंने बहुत कुछ सहा है,
टूट कर भी खुद को जोड़ा है,
अंधेरों से गुजर कर
एक रोशनी तक पहुँचा हूँ —
जो मेरी अपनी है।

तू एक ख़ूबसूरत सपना थी,
पर सपना ही तो थी,
हक़ीक़त से बहुत दूर,
और मेरी शांति की कीमत पर।

आज मैं ठीक हूँ —
ज़ख़्म भर चुके हैं,
आँखें अब धुंध से बाहर देखती हैं,
और दिल अब खुद से बातें करता है।

तेरी यादें अब बोझ नहीं,
पर मैं फिर से उस राह पे नहीं जाऊँगा
जहाँ मुझे खुद से दूर होना पड़े।

मैंने जो सीखा है,
वो ये है —
कि खुद से की गई सुलह
किसी भी अधूरे रिश्ते से बड़ी होती है।

इसलिए अब
मैं "हम" की उस कल्पना के लिए
"खुद के इस सच्चे संस्करण" को
दांव पर नहीं लगाऊँगा।

मैं तुझे चाहता था,
पर अब खुद से भी मोहब्बत है।
और जब सवाल आएगा
तेरे ख्वाबों या मेरी सच्चाई का —
तो मैं, अब हमेशा
खुद को ही चुनूँगा।