खुद से प्यार, असली शक्ति



अजीब है ना, खुद को सबसे ज़्यादा कठोर बनाना,
जबकि हमें चाहिए था खुद को सबसे बड़ा झंडा उठाने वाला।
दूसरों को तारीफों से सजाते हैं,
पर खुद को अक्सर इग्नोर करते जाते हैं।

सोचो, अगर हम खुद को वही प्रेम देते,
जो अपने सबसे प्यारे दोस्त को कहते।
"तुम कर सकते हो," "तुम बेस्ट हो,"
तब तो हर मुश्किल आसान हो जाती, देखो!

खुद से दयालु होना कोई मामूली बात नहीं,
यह तो असली ताकत है, जो हमें मिलती है आत्म-विश्वास से।
नफरत की जगह, प्यार को अपनाओ,
इससे तो हर दिन खुद से ही जीत जाओ।

हमेशा खुद को समझाना है,
"तुम भी हो ख़ास, ये याद रखना है।"
कभी नज़रें न झुका लो, ख़ुद को बढ़ाने दो,
क्योंकि खुद से प्यार करना ही असली राज़ है, जो कभी नहीं कम होने दो!


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...