हर सुबह उठकर दौड़ में शामिल होना,
हर दिन बस जीत के पीछे भागते रहना।
क्या यही है जीवन का असली सार?
या हम भटक गए हैं, यह पूछना है अधिकार।
महिमा मंडन क्यों करें इस पिसाई का,
जहां मेहनत के नाम पर हो घिसाई का।
जो जले खुद को, और राख बन जाए,
वह क्या सच में जीत का सुख पाए?
भविष्य उन्हीं का है, जो समझते हैं,
मेहनत से बड़ा हुनर और सिस्टम बुनते हैं।
जो सीखे leverage का विज्ञान,
उनके हाथों में होगा जीवन का नियंत्रण।
स्मार्ट काम है, जो मेहनत का सार है,
सिस्टम और योजनाओं से बदलता संसार है।
दौड़ते रहना, बस भागते जाना,
यह नहीं है सफलता, यह है समय गँवाना।
बुद्धिमत्ता से जो रचे अपने रास्ते,
हर कदम पर उनके साथ हों सच्चे वास्ते।
न खुद को जलाओ, न समय को गँवाओ,
सिस्टम बनाओ, और आगे बढ़ते जाओ।
तो रुको, सोचो, और नया रुख अपनाओ,
इस अंधी दौड़ को छोड़, सही रास्ता दिखाओ।
महिमा मत करो इस अंतहीन पिसाई की,
जीवन को जियो समझदारी और सादगी की।