Tuesday 15 March 2016

शुरुआत

किसी  के  इंतजार मे दिन ढल गया

तो किसी  के इंतजार मे शाम निकल गयी
और रात आते अंधेरे से बात हो गयी
जिसका था इंतजार
नही आया वो  अबकी बार
पर अपने आप से मुलाक़ात हो गयी

तो एक खुश नुमा सुबह तैयार हो गयी

और उसके बाद एक नयी दिन के शुरुआत हो गयी 

दीप जले तो जीवन खिले

अँधेरे में जब उम्मीदें मर जाएं, दुखों का पहाड़ जब मन को दबाए, तब एक दीप जले, जीवन में उजाला लाए, आशा की किरण जगमगाए। दीप जले तो जीवन खिले, खु...