गफ़लत के मारे कई ओर भी हैं
खुदा के सहारे कई ओर भी हैं
खुदा के सहारे कई ओर भी हैं
किस किस को देखे सोचे किसे अब
तुम्ही से हमारे कई ओर भी हैं
नजर मैं चढ़े हो तो दिल को भी देखो
कसम से नजारे कई ओर भी हैं
जो दिल मांगा हमने तो बोले वो....
दीपक... तेरे जेसे आरे जारे कई ओर भी हैं