भारत जितना बड़ा धार्मिक देश है उतने ही ज्यादा यहां धार्मिक स्थल है... और इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के द्धारा दान दिया जाता है जिसके चलते अलग-अलग मंदिरो, दरगाहों, और गुरूद्वारों में करोड़ों रूपये की दान सम्पती पड़ी है .... इस सम्पति में नगद रूपयें के अलावा करोड़ों का सोना पड़ा है... आइए जानते है ऐसे कुछ धार्मिक स्थलों के बारे में जंहा सबसे ज्याद सम्पति है...
तिरुपति बालाजी
भारत के धनी मंदिरों की लिस्ट में तिरुपति बालाजी
शीर्ष पर हैं... भगवान का खजाना पूराने जमाने के राजा-महराजाओं को भी मात देने
वाला है... तिरुपति के खजाने में आठ टन ज्वेलरी है... 650 करोड़ रुपए की वार्षिक आय के साथ तिरूपति बालाजी
भारत में सबसे अमीर देवता है... अलग-अलग बैंकों में मंदिर का 3000 किलो सोना जमा और मंदिर के पास 1000 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट हैं... 300 ईसवी के आसपास बने भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर
अवतार के इस मंदिर में रोज करीब 50 हजार से एक लाख लोग आते हैं... साल के कुछ खास
दिनों विशेषकर नवरात्र के दिनों में तो यहां 20 लाख तक लोग हर दिन दर्शन करने पहुंचते हैं... बड़ी संख्या में यहां
सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं आते, बल्कि उनका चढ़ावा भी बहुत भारी-भरकम होता है...
नवरात्र के दिनों में ही 12 से 15 करोड़ रुपए नकद और कई मन सोना चढ़ जाता है... बालाजी के मंदिर में इस
समय लगभग 50,000 करोड़ रुपए की संपत्ति मौजूद है, जो भारत के कुल बजट का 50वां
हिस्सा है... तिरुपति के बालाजी दुनिया के सबसे धनी देवता हैं, जिनकी सालाना कमाई 600 करोड़ रुपए से ज्यादा है.... यहां चढ़ावे को
इकट्ठा करने और बोरियों में भरने के लिए बाकायदा कर्मचारियों की फौज है... पैसों
की गिनती के लिए एक दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद हैं और लगातार उनकी शिकायत बनी हुई
है कि उन पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है... किसी-किसी दिन तो ऐसा भी होता है कि तीन
से चार करोड़ रुपए तक का चढ़ावा चढ़ जाए और रुपये-पैसे गिनने वाले कर्मचारी काम के
भारी बोझ से दब जाएं.... ये तो तब है, जब
बालाजी के मंदिर में आमतौर पर लोग छोटे नोट नहीं चढ़ाते... यहां सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात
और प्लेटिनम की ज्वेलरी तो चढ़ती ही है, सुविधा
के लिए भक्त इनका बांड {bond} भी खरीदकर चढ़ा सकते हैं... बालाजी के मंदिर में
हर साल 350 किलोग्राम से ज्यादा सोना और 500 किलोग्राम से ज्यादा चांदी चढ़ती है... ये स्थिति
तब थी जब अंग्रेज भारत आए थे… वे बालाजी मंदिर की शानो-शौकत और चढ़ावा देखकर दंग
रह गए थे... कहते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी बड़े पैमाने पर बालाजी मंदिर से
सोना - चांदी खरीदती थी... वर्ष 2008-09 का बालाजी मंदिर का बजट 1925 करोड़ था... इस मंदिर की देखरेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति
देवस्थानम ट्रस्ट ने 1000 करोड़ रुपए की फिक्स डिपोजिट कर रखी है... कुछ
महीनों पहले कर्नाटक के पर्यटन मंत्री जनार्दन रेड्डी ने हीरा जडि़त 16 किलो सोने का मुकुट भगवान बालाजी को चढ़ाया था...
जिसकी घोषित कीमत 45 करोड़ रुपए थी... दरअसल, येदयुरप्पा सरकार की नाक में दम करने वाले बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं
ने खनन कारोबार में 4,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था... उसी मुनाफे का 1 प्रतिशत इन्होंने भगवान बालाजी को बतौर कमीशन अदा
किया था, लेकिन आप यह न सोचें कि भगवान वेंकटेश्वर या
बालाजी को पहली बार इतना महंगा मुकुट किसी भक्त ने भेंट किया होगा... वास्तव में
बालाजी के मुकुटों के भंडार में यह 8वें नंबर
पर ही आता है... इस तरह के उनके पास पहले से ही करीब 15 मुकुट हैं... भारत के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति के
संरक्षकों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास करोड़ों रुपए का सोना जमा किया है...
इनसे मंदिर को आर्थिक आय होगी.. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट के चेयरमैन जे
सत्यनारायण ने 1,175 किलो सोना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हैदराबाद
सर्किल के जीएम टीएस कृष्णा स्वामी को सौंपा... ट्रस्ट के एक्जीक्युटिव ऑफिसर
आईवाईआर कृष्णा राव और सदस्य नागी रेड्डी भी मौजूद थे... तिरुपति के पास भारत में
सबसे ज्यादा सोना है और उसने इसे तिजोरियों में रखने की बजाय बैंकों में रखना शुरू
किया है... इससे उसे ब्याज मिलता है... सन् 2011 में भी उसने 1,075 किलो सोना स्टेट बैंक ऑफ इडिया में रखा था ... ट्रस्ट चाहता है कि सभी बैंक उसका सोना रखें...
शिरडी के साईं बाबा मंदिर
सत्य साईं के निधन के बाद उनके कमरे से चौंकाने
वाली जानकारी लगातार सामने आ रही है….. पुट्टापर्थी
में सत्य साईं के यजुमंदिर के ग्यारह प्राइवेट कमरों से 77 लाख रुपए कीमत के सोने चांदी और हीरे जवाहरात मिले… इससे पहले भी सत्य साईं के कमरे से करीब चालीस करोड़ रुपए की संपत्ति
मिली थी… शिरडी स्थित साईं बाबा का मंदिर देश के सबसे अमीर
मंदिरों में से एक है... सरकारी जानकारी के मुताबिक इस प्रसिद्ध मंदिर के पास 32 करोड़ रुपए के अभूषण हैं और ट्रस्ट ने 450 करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है...धनी मंदिरों की
फेहरिस्त में इन दिनों चरम लोकप्रियता की तरफ बढ़ रहे शिरडी का साई बाबा मंदिर भी
शामिल है, जिसकी दैनिक आय 60 लाख रुपए से ऊपर है और सालाना आय 210 करोड़ रुपए की सीमा पार कर चुकी है... शिरडी साई बाबा सनातन ट्रस्ट
द्धारा संचालित यह मंदिर महाराष्ट्र का सबसे धनी मंदिर है, जिसकी कमाई लगातार बढ़ रही है.... मंदिर के प्रबंधकों के मुताबिक 2004 के मुकाबले अब तक 68 करोड़ रुपए से ज्यादा की सालाना बढ़ोतरी हो चुकी है... यहां भी बड़ी
तेजी से चढ़ावे में सोने और हीरे के मुकुटों का चलन बढ़ रहा है... चांदी के
आभूषणों की तो बात ही कौन करे...
सिद्धिविनायक मंदिर
मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर, महाराष्ट्र राज्य में दूसरा और देश में तीसरे नंबर
का सबसे अमीर मंदिर है…..सिद्धिविनायक मंदिर की सालाना आय 46 करोड़
रुपए है वहीं 125 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा है..... इस मंदिर की सालाना कमाई 46 करोड़ रुपए वर्ष 2012 में पहुंच चुकी थी, जिसमें
मंदी के बावजूद इस साल इजाफा ही हुआ है.... सिद्धिविनायक मंदिर का भी 125 करोड़ रुपए का फिक्स डिपोजिट है... महाराष्ट्र के इस दूसरे सर्वाधिक
धनी मंदिर की सालाना कमाई कुछ साल पहले 3 करोड़
रुपए थी जो पिछले साल एक दशक में बहुत तेजी से बढ़ी है.... मंदिर के सीईओ हुनमंत
बी जगताप के मुताबिक देश और विदेश में भक्तों की आय बढऩे के कारण मंदिर की भी आय
में भारी इजाफा हुआ है... इस इंटरनेट के जमाने में मंदिर दर्शन कराने के मामले में
ही नहीं, चंदा वसूल करने के मामले में भी हाईटेक हो चुका
है... यही कारण है कि मंदिर में 1 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए
तक के सोने और प्लेटिनम के कार्ड उपलब्ध हैं... यानी अगर आप चाहें तो 6 लाख रुपए का कूपन खरीद कर सिद्धिविनायक भगवान गणेश को चढ़ा सकते हैं, उन्हें कूपन भी पसंद है...
कुल मिलाकर हिंदुस्तान भले गरीब हो, यहां दुनिया के सबसे संपन्न मंदिर, गुरुद्वारे और मजारें हैं… कहा जा सकता है कि भारत वह गरीब देश है, जहां अमीर भगवान बसते हैं… संख्या की दृष्टि से दुनिया में सबसे अधिक निर्धन लोग भारत में रहते
हैं… इस बात का खुलासा लोकमित्र विश्व खाद्य कार्यक्रम
में हुआ है… शायद यही कारण है कि दुनिया में भुखमरी से जितने
लोग पीडि़त हैं उनमें से 50 फीसदी अकेले भारत में रहते हैं…जिस देश में सबसे ज्यादा गरीब रहते हैं, उसी देश में सबसे ज्यादा अमीर मंदिर स्थित हैं… वैसे यह बताना तो मुश्किल है कि भारत में कुल कितने मंदिर हैं, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 लाख से भी अधिक मंदिर हैं और इनमें
से 100 मंदिर ऐसे हैं जिनका सालाना चढ़ावा भारत के बजट के
कुल योजना व्यय के बराबर होगा… अकेले 10 सबसे ज्यादा धनी मंदिरों की ही संपत्ति देश के 100 मध्यम दर्जे के टॉप 500 में शामिल उधोगपतियों से अधिक है…
सोने के देवता
इन मंदिरों मे रूपये के अलावा सोना सबसे अधिक चढ़ाया जाता है.... भारत में जंहा सोना 32 हजार रूपये का है.... यहां के मंदिरों में सोने के मुकुट, माला, और मुर्तियां हजारों की संख्या में है.....मंदिरें में इतना सारा सोना stock के रूप में पड़ा है.... जिससे सोने के दाम लगातार बढ़ रहे है.... यदि ये सोना फिर से बाजार में आजाऐ तो काफी हद तक सोने के दाम गिर सकते है...
सही कहा
ReplyDeleteधन्यवाद कल्याण जी
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