आराम में रहना ठीक नहीं है



आराम में रहना, वो कभी ठीक नहीं होता,
विकास से डरना, ये कभी सही नहीं होता।

समय को यूं ही बहते देखना, ये गलत होता है,
जो मैं डिजर्व करता हूँ, उससे कम पे संतुष्ट होना, ये कभी ठीक नहीं होता।

हर पल को बढ़ने का अवसर समझो,
क्योंकि वक्त सिर्फ़ एक बार आता है, और मैं इसे खोना नहीं चाहता।

मैं खुद को बंधन से मुक्त करता हूँ,
कभी कम में नहीं रुकता, हमेशा अपने हक की ओर बढ़ता हूँ।


मेरा मध्‍य बिंदु

जब नींद अभी आई नहीं, जागरण विदा हुआ, उस क्षण में मैंने स्वयं को महसूस किया। न सोया था, न जागा था मैं, बस उस मध्‍य बिंदु पर ठहरा था मैं। तन श...