Open Sex Series – भाग 7



Spiritual Celibacy: क्या ब्रह्मचर्य सच में जीवन को ऊर्जावान बनाता है?

लेखक: दीपक डोभाल


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1. प्रस्तावना: ब्रह्मचर्य का अर्थ क्या है?

आज जब हर जगह सेक्सुअल फ्रीडम की बात हो रही है, वहीं एक विचार और है — ब्रह्मचर्य, यानी यौन संयम।

पर क्या ब्रह्मचर्य सिर्फ सेक्स से दूरी है?

नहीं। “ब्रह्मचर्य” का अर्थ है —
“ब्रह्म में चर्या करना”, यानी जीवन को परम चेतना की दिशा में ले जाना।

यह केवल शारीरिक संयम नहीं,
बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक अनुशासन है।


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2. ब्रह्मचर्य और ऊर्जा: विज्ञान क्या कहता है?

आधुनिक विज्ञान मानता है कि वीर्य या यौन ऊर्जा केवल प्रजनन से जुड़ी नहीं है।
ये शरीर की सबसे गहन ऊर्जा होती है —
जिसे यदि रिटेन किया जाए, तो वह मानसिक स्पष्टता, आत्मविश्वास, और रचनात्मकता को बढ़ा सकती है।

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि सेमिनल फ्लूइड में उपस्थित प्रोटीन, टेस्टोस्टेरोन और न्यूरोट्रांसमीटर्स पूरे तंत्र को प्रभावित करते हैं।
Dopamine, Serotonin और Acetylcholine जैसी रसायन ऊर्जा के रूपांतरण में सहायक होते हैं।


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3. प्राचीन ग्रंथों की दृष्टि

मनुस्मृति कहती है:

> “ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत।”
(ब्रह्मचर्य और तप के बल से ही देवताओं ने मृत्यु को जीत लिया।)



योग सूत्र (पतंजलि) में स्पष्ट है:

> “ब्रह्मचर्य प्रतिष्ठायां वीर्य लाब:”
— जो ब्रह्मचर्य में स्थित होता है, उसे अपार ऊर्जा की प्राप्ति होती है।



तंत्र ग्रंथों में इसे "ऊर्जा का रोहण" कहा गया है —
जहाँ मूलाधार से सहस्रार तक ऊर्जा चढ़ाई जाती है। यही कुंडलिनी जागरण की प्रक्रिया है।


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4. ब्रह्मचर्य सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं

स्त्रियों में भी यह उतना ही प्रभावी है।
महिला साधिकाएँ, तपस्विनियाँ और योगिनियाँ सदियों से ब्रह्मचर्य के पथ पर रही हैं।

यह ऊर्जा केवल वीर्य तक सीमित नहीं —
बल्कि काम वासना की संचित ऊर्जा को सृजनात्मकता और साधना में रूपांतरित करना है।


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5. Osho का दृष्टिकोण: repression नहीं, transformation

Osho ने ब्रह्मचर्य के पारंपरिक विचारों की आलोचना की थी।
उनका कहना था:

> “ब्रह्मचर्य कोई जबरदस्ती नहीं,
यह समझदारी से पैदा हुआ एक सहज परिणाम है।
जब तुम सेक्स को पूरी जागरूकता से जान लेते हो,
तब ही वह तुम्हारे भीतर रूपांतरित होता है।”



उन्होंने repression (दमन) को खतरनाक माना।
क्योंकि दबी हुई वासना व्यक्ति को और अधिक कुंठित बना देती है।


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6. क्या ब्रह्मचर्य Superpower देता है?

कई योगी और साधु मानते हैं कि ब्रह्मचर्य से:

स्मृति और ध्यान की शक्ति बढ़ती है

चेहरा चमकने लगता है (Tejas)

आवाज़ में गहराई आती है

नींद कम लगती है

आत्म-नियंत्रण में बढ़ोतरी होती है


यह सब वैज्ञानिक दृष्टि से भी जुड़ता है —
क्योंकि जब यौन ऊर्जा बाहर नहीं जाती, तो वह मस्तिष्क और नाड़ियों में रूपांतरित होती है।


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7. मेरा अनुभव – रूट से क्राउन की यात्रा

Rishikesh में 21 दिनों के मौन ब्रह्मचर्य शिविर में मैंने खुद ये महसूस किया —
शरीर पहले बेचैन होता है, मन बार-बार भटकता है, लेकिन तीसरे सप्ताह में शांत ऊर्जा भीतर उतरने लगती है।

शरीर हल्का हो जाता है, दृष्टि गहरी, और ध्यान सहज।

एक जापानी युवक, जो Osho commune से आया था, बोला:

> “Earlier I used to ejaculate for pleasure.
Now I retain to meditate deeper.”




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8. क्या यह सबके लिए संभव है?

ब्रह्मचर्य को थोपा नहीं जा सकता।
यह एक अनुभवजन्य निर्णय होना चाहिए।

यदि आप ध्यान, योग, साधना या कोई गहरी कला में रचे-बसे हैं,
तो ब्रह्मचर्य आपके भीतर सहज उतर सकता है।

पर जबरदस्ती करने से ये कुंठा और आक्रोश भी ला सकता है।


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9. निष्कर्ष:

ब्रह्मचर्य कोई साधारण त्याग नहीं,
यह आत्मा का उत्सव है।

> "जब कामना समाप्त नहीं होती,
तब तक ब्रह्मचर्य नहीं आता।
जब कामना रूपांतरित हो जाती है,
तब ब्रह्मचर्य स्वयं उतरता है।"




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