बादलों की चादर से सजी, ये शाम सुहानी है।
फूलों की महक में, दिल खो जाता है,
हर लम्हा यहाँ, प्रेम का गीत गाता है।
नदियाँ बहती हैं, रागिनी सुनाती हैं,
पर्वतों की ऊँचाई, सपनों को बुलाती है।
चाँदनी रात में, तारे सजते हैं,
हर दिशा में बस, खुशियाँ ही बिखरती हैं।
ये प्रकृति का खेल, मन मोह लेता है,
हर दिल में बस, प्यार ही भर देता है।
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