मुझे क्या फर्क पड़ता है, लोग क्या सोचते हैं,
वो पल भर के लिए सोचते हैं, फिर अपनी दुनिया में खो जाते हैं।
तो क्यों न मैं वही करूँ, जो मुझे अच्छा लगता है,
जो दिल कहे, वही कदम उठाऊं, बिना डर के, बिना रुके।
लोग अपनी कहानियों में खोते हैं, और मैं अपनी कहानी बनाता हूँ,
जो किसी और की दुनिया में नहीं समाता, वही अपनी दुनिया में गाता हूँ।
कभी न डर, कभी न रुक, जब तक खुद को पहचान न पाऊं,
मैं वही करूँ, जो मुझे चाहिए, क्योंकि ये मेरी जिंदगी है, जो मैं चाहता हूँ।
लोग कितनी देर तक तुम्हारे बारे में सोचेंगे? इसलिए अपनी ज़िंदगी खुद के तरीके से जीयो, क्योंकि अंत में वही मायने रखता है जो तुम चाहते हो।
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