"Group Sex, Threesome और Polyamory: नई सोच या संबंधों की विघटन?"
लेखक: दीपक डोभाल
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1. प्रस्तावना: जब प्यार की सीमाएँ टूटती हैं
हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ रिश्तों की पारंपरिक परिभाषाएँ बदल रही हैं।
Monogamy (एकसंगता) के सामने अब सवाल खड़े हो रहे हैं –
क्या प्रेम केवल एक व्यक्ति तक सीमित रहना चाहिए?
क्या शारीरिक संबंधों में विविधता मानसिक और आत्मिक विकास में सहायक हो सकती है?
Group Sex, Threesome, और Polyamory इसी विचारधारा की उपज हैं —
जहाँ सेक्स सिर्फ निजी क्रिया नहीं,
बल्कि एक open experience बन चुका है।
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2. Group Sex और Threesome: इतिहास की छाया
यह कोई नया चलन नहीं है।
प्राचीन ग्रीक और रोमन सभ्यताओं में orgy culture आम था।
भारत में भी कामसूत्र और अजन्ता-एलोरा की चित्रकारी
इस बात की गवाही देती है कि
— काम का उत्सव समूह में भी देखा गया है।
कुछ तंत्र साधनाओं में यह प्रयोग ऊर्जा के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था।
जहाँ पुरुष और स्त्रियाँ, युगल रूप में नहीं, सामूहिक रूप में काम से समाधि की ओर जाते थे।
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3. Polyamory: एक दिल, कई प्रेम
Polyamory का अर्थ है –
एक समय में कई व्यक्तियों से प्रेम करना, लेकिन ईमानदारी और सहमति के साथ।
यह धोखा नहीं है, यह स्पष्टता है।
इसमें jealousy को स्वीकार कर,
उसे पार करने का अभ्यास होता है।
कुछ लोग मानते हैं कि यह ‘Unconditional Love’ की दिशा में एक कदम है —
जहाँ व्यक्ति किसी एक शरीर से नहीं,
बल्कि आत्मा से जुड़ता है।
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4. मनोविज्ञान क्या कहता है?
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि:
Group Sex या Threesome एक नवीनता की तलाश है
इसमें dopamine का उत्सर्जन बहुत तीव्र होता है
कुछ लोग इसे फंतासी फुलफिलमेंट के रूप में देखते हैं
जबकि कुछ इसे intimacy issues या commitment fear से जोड़ते हैं
परंतु यदि ये सभी consensual, emotionally aware और safe हों,
तो यह मानसिक रूप से हानिकारक नहीं कहे जा सकते।
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5. मेरा अनुभव – पुणे और ऋषिकेश में
पुणे के Osho Commune में मैंने ऐसे कई लोगों से मुलाकात की
जो open relationship, nudity, और group intimacy को आध्यात्मिक मानते थे।
वहाँ शाम को white robe meditation के बाद
कभी-कभी लोग अपने तन और मन को पूरी आज़ादी देते थे।
एक फ्रेंच कपल ने मुझसे कहा:
> “We don't sleep around for pleasure.
We meet souls through bodies.”
ऋषिकेश में भी कुछ ओशो फॉलोअर्स मिले जो polyamory को higher consciousness की यात्रा मानते थे।
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6. ओशो का दृष्टिकोण: नैतिकता नहीं, जागरूकता
Osho ने हमेशा कहा:
> “Sex को नैतिकता के तराजू पर मत तोलो।
इसे जागरूकता की आँख से देखो।
अगर तुम पूरी होश में हो, तो कोई भी अनुभव पवित्र हो सकता है।”
उन्होंने Group Sex या Commune-style living को
एक Experiment in Love and Freedom कहा था।
उनके Commune में nudity, shared love, और open sex उत्सव का हिस्सा थे — repression नहीं।
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7. नैतिकता, समाज और कानून
भारत जैसे देश में:
Polyamory या Threesome को अभी भी कानूनी स्वीकृति नहीं
परंतु सहमति से बने निजी रिश्तों में कानून हस्तक्षेप नहीं करता
समाज इसे taboo मानता है
पर नई पीढ़ी इसे रिश्तों की ईमानदारी का एक नया प्रारूप मानती है
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8. क्या यह सही है या गलत?
यह सवाल व्यक्तिगत है।
अगर किसी व्यक्ति या जोड़े के लिए
Group Sex या Polyamory सच में मानसिक और आत्मिक संतुलन लाता है,
और वह पूरी ईमानदारी, सुरक्षा और जागरूकता से उसे जीते हैं,
तो यह न तो सही है, न गलत —
यह बस एक और रास्ता है।
परंतु यदि यह कुंठा, झूठ, धोखा या भटकाव से उपजा है —
तो यह विनाशकारी भी हो सकता है।
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9. निष्कर्ष:
> "Sexual freedom is not the end,
It is a beginning.
A beginning of deep honesty with oneself." — Osho
Group Sex, Threesome या Polyamory कोई क्रांति नहीं —
अगर उसमें आत्मा नहीं,
केवल शरीर है।
सवाल यह नहीं कि तुम क्या कर रहे हो,
सवाल है — तुम किस चेतना से कर रहे हो?
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