त्याग तपस्या की राह चली

त्याग तपस्या की राह चली, सपनों का था जहां बसा,
मेहनत की हर इक कड़ी, उम्मीदों का था जहाँ धरा।

मिले न वो फल तपस्या के, चाहा था जो मन में हमने,
फिर भी चलते रहे इस सफर, मंज़िल की ओर बढ़ते हमने।

छोड़ न पाया उम्मीदों को, चाहे जो भी हो रास्ता,
कभी तो चमकेगी किस्मत, संघर्ष का देख नतीजा।

त्याग तपस्या की राह पर चला मैं हर बार,

त्याग तपस्या की राह पर चला मैं हर बार,
पर मंजिल की चादर रह गई मुझसे दूर, यार।

मेरे अरमानों की जमीं पर खिल न सका फूल,
मेहनत का फल मुझे मिल न सका, ये कैसी भूल?

त्याग और तपस्या

त्याग और तपस्या से करियर की राह बनाई,
मेहनत की हर कदम पर, पर मंज़िल नहीं पाई।
उम्मीदें थीं आसमान की, पर ज़मीं ही रह गई,
शायद मेरी मेहनत ने सही दिशा नहीं पाई।

हौंसलों के चराग जलते रहे।

त्याग तपस्या में जो हमने दिन-रात एक किए,
ख्वाबों की चादर में अरमान बुनते रहे।

पर किस्मत की ठिठोली देखिए, न मिली वो मंजिल,
फिर भी हौंसलों के चराग जलते रहे।

अंतर्मन

धीरे-धीरे रात का साया ढल गया,
मन की गहराईयों में खो गया।
सूर्य की किरणों ने सलामती सुनाई,
अंतर्मन के रहस्यों को समझा अर्जुन ने जी भर के।

मन की गहराईयों में छिपी रहस्यमय दुनिया,
हर रोज़ नए रंगों में खोजते हैं जब हम,
पाते हैं वहाँ सच्चाई का संगम,
वो अंतर्मन की अनगिनत लहरें, वो अद्भुत दृश्य विलीन।

ध्यान में जो खोया है, वह अमर है,
जैसे बादलों की छाया जिसको चेहरा ढ़का दे।
अंतर्मन की गहराइयों में छिपा सच,
जिसे धीरे-धीरे हम पहचानते हैं, जब चाँदनी की किरणे जगमगाती हैं।

हर एक कविता, हर एक शेर,
अंतर्मन की कहानी का विवरण करता है यह।
जब अव्यक्त भावों को शब्दों में पिरोते हैं हम,
तब मन की गहराइयों में एक नया आधार मिलता है हमें।

अंतर्मन की गहराइयों में छिपा रहस्य,
सच्चाई की खोज में जैसे यात्री।
हर एक खोज, हर एक पहेली,
मन की गहराइयों का खुलासा करती है, वह विलक्षण खेली।

धीरे-धीरे अंतर्मन की गहराइयों में खोया है,
वहाँ खोजते हैं हम सच्चाई का पथ,
जहाँ दिखती है मन की असीम विस्तृतता,
वहाँ पाते हैं हम मन की अद्भुत गहराईयों का परिचय।

असामान्यता की राह


साधारण से परे है जो,
वह जीवन का सार है।
न होना सामान्य यह,
खुद में ही अद्भुत उपहार है।

हर राह नई चुनौतियाँ लाए,
हर कदम पर संघर्ष हो।
पर इस असामान्यता में ही,
जीवन का सबसे बड़ा उत्कर्ष हो।

"उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं" की,
यह गीता का संदेश है।
आत्मा को ऊपर उठाना ही,
जीवन का विशेष आदेश है।

 देखो  उनका जीवन,
जिन्होंने राह नई बनाई।
उनकी सोच की असामान्यता ने,
दुनिया को नई दिशा दिखाई।

समाज के साँचे में ढलना नहीं,
हर कोई नहीं होता है यहाँ।
अपनी राह खुद बनानी है,
यही असली पहचान है जहाँ।

इस यात्रा में हो सकती हैं,
कई मुश्किलें और बाधाएँ।
पर आत्मा की आवाज सुनो,
यही असली है राह सही।

असामान्यता को अपनाओ,
यही है असली ताकत।
साधारण से हटकर जीना,
जीवन का असली मकसद।

तुम्हारी यह अनूठी पहचान,
तुम्हें सबसे अलग बनाएगी।
अपना उद्देश्य पूरा कर,
नई दिशा की ओर ले जाएगी।


इस असामान्यता को गले लगाओ,
यह जीवन का सच्चा रंग है।
अपनी राह खुद चुनो,
यही जीवन का असली संग है।

असामान्यता: आपकी अनूठी यात्रा का आधार



सामान्य होना किसी भी व्यक्ति की सफलता का मानदंड नहीं हो सकता। यह जानना और स्वीकार करना कि आप कभी भी सामान्य नहीं होंगे, एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सशक्त कदम है। क्योंकि आप साधारण जीवन जीने के लिए नहीं, बल्कि कुछ असाधारण करने के लिए पैदा हुए हैं। आप मानव चेतना में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए, एक उच्च उद्देश्य के लिए यहां हैं। 

### उच्च उद्देश्य की ओर

जब हम यह समझ जाते हैं कि हमारे जीवन का उद्देश्य सामान्य दायरे से परे है, तो हमारा दृष्टिकोण भी बदल जाता है। सामान्य से हटकर कुछ करना एक चुनौतीपूर्ण यात्रा हो सकती है, परंतु यह यात्रा हमारी आत्मा को पहचानने और उसे साकार करने की है। यह हमारे जीवन को एक नई दिशा देती है, जहां हम खुद को समझने और अपने अंदर छिपे अनंत संभावनाओं को पहचानने का प्रयास करते हैं।

### असामान्यता का स्वीकार

बहुत से लोग इस प्रयास में लगे रहते हैं कि वे समाज के मापदंडों में फिट हो सकें। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर कोई उन्हीं मापदंडों में फिट हो। आपकी अनूठी विशेषताएं और असामान्यता ही आपको सबसे अलग बनाती हैं। यह स्वीकार करना कि आप सामान्य नहीं हैं, आपके आत्म-सम्मान और आत्म-स्वीकृति के लिए महत्वपूर्ण है। 

**श्लोक:**  
"उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं नात्मानमवसादयेत्।  
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः॥"  
(श्रीमद्भगवद्गीता ६.५)

अर्थात: व्यक्ति को स्वयं के द्वारा ही अपनी आत्मा को ऊपर उठाना चाहिए, और स्वयं को ही अधोगति में नहीं डालना चाहिए। आत्मा ही व्यक्ति का मित्र है और आत्मा ही व्यक्ति का शत्रु है।

### आत्म-प्राप्ति की यात्रा

यह यात्रा आसान नहीं होती। इसमें कई कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ आती हैं। लेकिन यह यात्रा आत्म-प्राप्ति की होती है। यह हमें अपने सच्चे स्वरूप को पहचानने और अपने उद्देश्य को समझने का मौका देती है। यह हमें उन सीमाओं को पार करने में मदद करती है जो हमारे समाज ने हमारे सामने रखी होती हैं। 

### फिट होना जरूरी नहीं

फिट होना जरूरी नहीं है। समाज के द्वारा बनाए गए साँचे में खुद को ढालने का प्रयास अक्सर हमें हमारी असली पहचान से दूर कर देता है। अपने आप को असामान्य मानना और इस असामान्यता को गले लगाना, हमारे विकास और हमारे उद्देश्य की पूर्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। 

### उदाहरण: स्टीव जॉब्स

स्टीव जॉब्स का जीवन इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी असामान्यता को अपनाकर असाधारण सफलता प्राप्त कर सकता है। जॉब्स ने कभी भी समाज के मापदंडों में फिट होने की कोशिश नहीं की। उनकी सोच और दृष्टिकोण हमेशा अलग थे, और उन्होंने अपनी अनूठी दृष्टि को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास किया। उनके असाधारण दृष्टिकोण ने ही उन्हें एप्पल कंपनी का सह-संस्थापक बनाया और तकनीकी दुनिया में क्रांति लाई।

### निष्कर्ष

आपकी असामान्यता आपकी सबसे बड़ी ताकत है। इसे अपनाएं, क्योंकि यही वह कुंजी है जो आपको आपकी वास्तविकता की ओर ले जाएगी। आपके पास मानव चेतना में बदलाव लाने और एक उच्च उद्देश्य को पूरा करने की शक्ति है। इस अनूठी यात्रा को समझें और इसे पूरे मन से अपनाएं, क्योंकि फिट होना जरूरी नहीं, बल्कि अपने असाधारण उद्देश्य को पूरा करना ही आपका वास्तविक लक्ष्य है।

जीवन की गर्मी में



मैं आशा करता हूँ,
कि मेरा अंत उस जीवन से हो,
जिसे मैंने पूरी तल्लीनता से जीने की कोशिश की।
उस जीवन से, जो मैंने अपने सपनों और संघर्षों से बुना,
जिसे मैंने अपने खुद के रचे हुए रास्तों पर तय किया।

मैं चाहता हूँ कि मेरी आत्मा उस गर्मी से सजी हो,
जो मैंने अपने प्रयासों में पाई,
जो मैंने अपनी गलतियों से सीखी,
और उन जिंदगियों से जुड़ी जो मेरे रास्ते पर आईं।

इस जीवन में जो भी खोया,
जो भी पाया,
उससे कहीं ज़्यादा,
मेरे प्रयासों की जो गर्मी थी,
वो मेरे दिल को छूती रही।

क्या फर्क पड़ता है
कितनी मुश्किलें आईं,
कितनी बार गिरा,
क्या फर्क पड़ता है
क्योंकि हर बार उठते हुए,
मैंने अपने जीवन को और सजीव महसूस किया।

मैं आशा करता हूँ,
कि जब मेरा समय आए,
मैं उस जीवन की गर्मी में दम तोड़ूं,
जो मैंने सच्चाई से जीने की कोशिश की,
जो मैंने अपने दिल की सुनते हुए जीने की कोशिश की।


Mountain vs Sea

I can explain the difference between living life in uttarakhand's mountains and mumbai's sea based on the following points:

1. Environment: uttarakhand is known for its scenic beauty, lush greenery, and snow-capped mountains. The air is cleaner and fresher compared to mumbai, which is known for its pollution and crowded streets. Mumbai, on the other hand, is surrounded by the arabian sea, which offers a different kind of beauty with its vast expanse of water and stunning sunsets.

2. Climate: uttarakhand has a cooler climate with four distinct seasons, while mumbai has a tropical climate with high humidity levels. Uttarakhand experiences heavy snowfall during winters, while mumbai is prone to heavy rainfall during monsoons.

3. Lifestyle: the lifestyle in uttarakhand is more laid-back and relaxed compared to mumbai's fast-paced lifestyle. People in uttarakhand are more connected to nature and lead a simpler life. Mumbai, on the other hand, is known for its hustle and bustle, with people always on the move.

4. Activities: uttarakhand offers various outdoor activities such as trekking, camping, and river rafting due to its mountainous terrain. Mumbai, being a coastal city, offers water sports such as surfing, parasailing, and jet skiing.

5. Job opportunities: mumbai is a financial hub and offers numerous job opportunities across various industries such as finance, media, and technology. Uttarakhand has limited job opportunities due to its remote location and lack of infrastructure.

6. Cost of living: the cost of living in mumbai is significantly higher than uttarakhand due to its urban infrastructure and high demand for housing and amenities. Uttarakhand's cost of living is lower due to its rural setting and lower demand for amenities.

in summary, while both uttarakhand's mountains and mumbai's sea offer unique experiences, they cater to different lifestyles and preferences. It ultimately depends on an individual's preference for environment, climate, lifestyle, activities, job opportunities, and cost of living.

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...