मेहनत की हर इक कड़ी, उम्मीदों का था जहाँ धरा।
मिले न वो फल तपस्या के, चाहा था जो मन में हमने,
फिर भी चलते रहे इस सफर, मंज़िल की ओर बढ़ते हमने।
छोड़ न पाया उम्मीदों को, चाहे जो भी हो रास्ता,
कभी तो चमकेगी किस्मत, संघर्ष का देख नतीजा।
भगवान हनुमान केवल एक भक्त ही नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और ज्ञान के साकार रूप हैं। उनके विभिन्न रूपों का वर्णन पुराणों और ग्रंथों में मिलता है...
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