त्याग और तपस्या से करियर की राह बनाई,
मेहनत की हर कदम पर, पर मंज़िल नहीं पाई।
उम्मीदें थीं आसमान की, पर ज़मीं ही रह गई,
शायद मेरी मेहनत ने सही दिशा नहीं पाई।
अखंड है, अचल है, अजेय वही, जिसे न झुका सके कोई शक्ति कभी। माया की मोहिनी भी हारती है, वेदों की सीमा वहाँ रुक जाती है। जो अनादि है, अनंत है, ...
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