माया

ज्ञान का पराकाष्ट अंधकार को भगाता है, और सूर्य की किरणें हमें माया की असलीता को समझने की दिशा में अग्रसर करती हैं। सूरज की उजियार ने हमें दिखाया कि वास्तविक सुख और संतोष केवल बाहरी विश्व में नहीं मिलते, बल्कि वे हमारे अंतर के आत्मा के आध्यात्मिक आगे हैं। जैसे कि सूर्य की प्रकाश अंधकार को दूर करता है, वैसे ही स्वयं के अंधकार को दूर करके हम असली खुशियों का अनुभव कर सकते हैं। इस प्रकार, पारकाष्ट ज्ञान हमें माया की वास्तविकता के प्रति जागरूक करता है, हमें अंतर्निहित सत्य की ओर ले जाता है, और हमें आत्मा के अद्वितीय आनंद की खोज में अग्रसर करता है।

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श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...