ज्ञान का पराकाष्ट अंधकार को भगाता है, और सूर्य की किरणें हमें माया की असलीता को समझने की दिशा में अग्रसर करती हैं। सूरज की उजियार ने हमें दिखाया कि वास्तविक सुख और संतोष केवल बाहरी विश्व में नहीं मिलते, बल्कि वे हमारे अंतर के आत्मा के आध्यात्मिक आगे हैं। जैसे कि सूर्य की प्रकाश अंधकार को दूर करता है, वैसे ही स्वयं के अंधकार को दूर करके हम असली खुशियों का अनुभव कर सकते हैं। इस प्रकार, पारकाष्ट ज्ञान हमें माया की वास्तविकता के प्रति जागरूक करता है, हमें अंतर्निहित सत्य की ओर ले जाता है, और हमें आत्मा के अद्वितीय आनंद की खोज में अग्रसर करता है।
माया
Aim to provide thought leadership and pave the way forward for storytelling.
Screen Writer & Creative Director with a demonstrated history of working in the Motion Pictures and Multi-Media Industry. Skilled in Creative Writing, Film Production, and Digital Marketing. Strong Media and Communication professional with a Bachelor's Degree focused in B.SC Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism & Communication, Noida.
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"प्रेम का दिव्यता रूप"
प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...
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यादों का गुब्बरा देखो ये फूट गया है उस गगन में जिस में हम खुद जाना चाहते थे मगर हम जा न पाए तो क्या हुआ हमारी निशानी उस मुक्त गगन में उड़...
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भारत जितना बड़ा धार्मिक देश है उतने ही ज्यादा यहां धार्मिक स्थल है... और इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के द्धारा दान दिया जाता है जिसक...
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जब मीरा यह कहती है कि बस इन तीन बातों से काम चल जाएगा और कुछ जरूरत नहीं है और कभी कुछ न मांगूंगी, बस इतना पर्याप्त है, बहुत है, जरूरत से ज्य...
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