खेतों की खुशबू,

पंछियों की आवाज़, तितलियों की लहर,
नदियों की धारा, झरनों का प्यार।

हवाओं की सरगम, खेतों की खुशबू,
खलियानों की आबरू, चीड़ों का गुणवत्ता।

नागों की विशालता, देवताओं की शान,
हर एक प्राणी, प्रकृति की मान।

इन सबका मिलना, एक अद्भुत संगम,
सृष्टि का रहस्य, इसमें है समाहित हम।

प्रकृति की महिमा, अनंत गीत,
इस सारे जगत की, है यही विशिष्ट सृष्टि।

धरती की शांति, आसमान का अनंत,
इन सब में बसी है, हमारा शान्ति  मंत्र।

मेरी दुनिया पहाड़ों के बीच

पहाड़ों की चोटियों पर सुकून का आभास,
वहाँ की शांति में मिलता है आत्मा का संग।
ऊँचाइयों से झूमती धाराएं, खुली आसमान,
मेरी दुनिया पहाड़ों के बीच, वहाँ है मेरा आधार।

प्रकृति की सुंदरता, शीतल हवाओं की ध्वनि,
जीवन के उतार-चढ़ाव में भी मिलती है मनोरंजनी।
धरती की गोद में, प्रेम की भावना,
मेरी दुनिया पहाड़ों के बीच, वहाँ है मेरा जीवन स्वरूप।

हर कदम पर नई कहानियों का आगाज़,
पहाड़ों के बीच बसी मेरी दुनिया की मिठास।
सफर की राह में, चुनौतियों का सामना,
मेरी दुनिया पहाड़ों के बीच, वहाँ है मेरा सपनों का विश्वास।

पहाड़ों की गोद में छिपी अनगिनत कहानियाँ,
मेरी दुनिया पहाड़ों के बीच, वहाँ है मेरा संगीत और स्वप्न।
जीवन के सारे रंग, पहाड़ों के संग,
यहाँ है मेरी दुनिया, यहाँ है मेरा आदर्श जीवन।

घर की चादर सुहानी,

घर की चादर सुहानी, रात की ठंडी हवा,
अंधेरे की चादनी, सपनों का सवेरा।
जहाँ बाहर की धूप में, जलती हैं तपिश,
वहाँ घर की छाँव में, मिलती हैं राहतें निश्छित।

बाहर की भीड़-भाड़, अपने ही घर में है शांति,
पर बाहर के सफर में, मिलता है संवाद।
घर की गलियों में, बसी हैं यादें अनमोल,
और बाहर की खोज में, हैं सपनों के खेल में जोशिल।

घर की मीठी बातें, अपने ही दिल को भाती,
बाहर की दुनिया में, हैं नये सपने साथी।
जहाँ बाहर की रौशनी में, हैं अलग मिज़ाज,
वहाँ घर की अंधेरी छाँव में, हैं खुशियों के साज।

घर से बाहर, और बाहर से घर,
दोनों में हैं अपनापन के नजर।
कहानी बातें यहाँ, बातें वहाँ,
जीवन का हर सफर, है एक अद्भुत कहानी का पार।

सफ़लता का इशारा

जाना है इतनी दूर जहां कोई ना हो,
पाना है उसे जिसे कभी किसी ने न पाया हो।

राहों में जो छुपी हैं ख़ुशियों की राज़,
वहाँ पहुँचना है मेरे सपनों का आज।

धूप में जो मिले छाँव की तलाश,
उसे अपनाना है मेरे हौसलों की आवाज।

हर कठिनाई से लड़ते हुए निरंतर,
मिटाना है हर दुःख, बनाना है स्वप्न साकार।

इस यात्रा में जब मिलेगा मंजिल का पता,
तब होगा परमात्मा का आशीर्वाद सर्वविस्तार।

तो ना डरो, ना हो कोई अविश्वास,
क्योंकि सफ़र है ख़ास, सपने हैं अनमोल खज़ाने,
आगे बढ़ो, चलो, जाना है उस अनजान दिशा में,
जहाँ है सिर्फ़ खुदा का बस आशीर्वाद
 और अपार सफ़लता का इशारा।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...