सर्दी में गर्मी, गर्मी में सर्दी,

सर्दी में गर्मी, गर्मी में ठंड,
यह वातावरण का खेल है अजब।
किसी को न जाने क्या हो रहा है,
मन में है गड़बड़, अँधेरे का संभाव।

पर्वतों पे बर्फ, घाटियों में धूप,
कहाँ से आई यह असमंजस की धूप।
कुछ अनोखी है यह वातावरण की कहानी,
समझ न पाए कोई, इसकी रहस्यमय निधानी।

सर्दी में गर्मी, गर्मी में सर्दी,
है यह वातावरण का चक्रवात।
मन में चिंता, है बेरोक़, आक्रोश,
कुछ ना समझ में आता, है यह विचार-विचार का संघर्ष।

परंपराओं का मिलन, आधुनिकता की प्रेरणा,
यह वातावरण का संगम, है विचार-विचार की अवधारणा।
कुछ नया, कुछ पुराना, यह वातावरण की रचना,
है इसमें सभी की भावनाओं की संगीतमय वाणी।

सर्दी में गर्मी, गर्मी में सर्दी,
है यह वातावरण का रहस्यमय खेल।
जीवन की अनजानी राहों में,
है यह वातावरण की अद्भुत कहानी का खेल।

No comments:

Post a Comment

Thanks

अखंड, अचल, अजेय वही

अखंड है, अचल है, अजेय वही, जिसे न झुका सके कोई शक्ति कभी। माया की मोहिनी भी हारती है, वेदों की सीमा वहाँ रुक जाती है। जो अनादि है, अनंत है, ...