घर

घर की चादर और बाहर की धूप,
दोनों में छुपा है जीने का रूप।

घर में है सुख, प्यार और आराम,
बाहर की धूप में है सपनों का संगम।

घर से बाहर निकलते हैं हम,
पर घर की  यादें हमें लौटाती हैं कम।

जीने की है दुनिया, यही सच है,
घर में भी खुशी, बाहर में भी राहत है।

पहाड़ों की चोटियों पर दोस्ती का सफर

पहाड़ों की चोटियों पर दोस्ती का सफर,
जो रिश्ते हैं अनमोल, जो याराना है प्यार।
जहाँ पागलपन की हवा लहराती है हर ओर,
मित्रता की मिठास में है साथ हर पल करार।

नदियों के साथी, जो बहती हैं नीर,
वहाँ बहती हैं यादें, मित्रों के संग सुहाने पल।
बाइक की सवारी, जो देती है आज़ादी की झलक,
वहाँ मिलती हैं खुशियाँ, वहाँ है सुखद जीवन की मिसाल।

शराब के नशे में मत खो जाना,
वो सच्ची मदिरा है जो दोस्तों के साथ बातें करना।
यारों के संग गुजारें जो ज़िंदगी की हर बात,
वहाँ है खुशियों का समंदर, वहाँ है ख्वाबों का साथ।

सच्ची मित्रता का मान, जो है अनमोल,
जीवन का सफर बनाए वह रंगीन और स्वाभाविक।
पहाड़ों में दोस्ती, नदियों में नहाना,
यही है वास्तविक जीवन की अद्वितीय कहानियों का मतलब।

पहाड़ों का सफर

पहाड़ों की चोटियों पर दोस्ती का संगम,
पागलपन की लहरें, सफर की राह।
नदियों के साथ नहाने का सुख,
बाइक पर घूमने का मनोरंजन, हर राह में अलग मिठास।

शराब के नशे में खोकर मत रहना,
जिंदगी की सच्चाई को भूल जाना।
दोस्ती का सफर, प्यार का एहसास,
साथ रहे हर लम्हा, यही है खास।

हर रोज़ नया अवसर, हर पल नया जीना,
पहाड़ों की ऊँचाइयों में खोकर,
नदियों के गहराईयों में बहकर,
जीवन का सफर साझा करते हुए,
खुशियों की बहारें मनाते हुए।

पहाड़ों में दोस्ती, नदियों में खोज,
बाइक पर घूमने का अनुभव, जीने का सच।
शराब के नशे में नहीं, बल्कि जीवन की मस्ती में,
संग रहें हर वक्त, खुशियों के साथ, यही है वास्तविक आनंद।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...