दोस्ती की यारी, जीने की चाह

पहाड़ों की चोटियों पर दोस्ती की मिठास,
पागलपन की लहरों में बसी हर बात।
नदियों की गहराइयों में नहाने का आनंद,
बाइक पर घूमने की उत्साहित राह।

शराब के नशे में मत खो जाना,
दोस्ती के साथ हर पल जीना।
प्रियतम के साथ सफर है ख़ास,
जिंदगी का हर रंग है मनमोहक संगीत का इक तास।

खोजो नई राहें, पाएं नए सपने,
जीवन की खोज में हर पल मज़ा है।
साथ चलें दोस्त, प्यार के संग,
हर दर्द, हर ग़म, साथ हो संगीत का रंग।

पहाड़ों के शिखरों से नज़रें भरें,
नदियों की लहरों में तैरें।
बाइक की सवारी, दिल का सफर,
दोस्ती की यारी, जीने की चाह।

पर फिर एक दिन, सूरज ने मुस्कान भेजी,

सूरज की किरणों में छिपी,
खुशियों की बातें सुनाते सपने।
पर जब आँधियाँ आईं, छाया छा गया,
दिल को लगा ग़म का सागर लहराए।

चलना पड़ा मुझे उस जंजीर में,
जिसमें हर क़दम पर था दर्द छुपा।
मजबूती से जूझते हुए,
खुद को ढूँढ़ता रहा एक रास्ता।

पर फिर एक दिन, सूरज ने मुस्कान भेजी,
अब ग़म की रातें भी हो गईं अनजान।
जीवन की चाहत ने सिखाया,
कि अंधकार से ही नहीं, 
रोशनी से भी सफ़र होता है।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...