धूप की किरणों में खो जाती हूँ,
बारिश की बूंदों में बिखर जाती हूँ।
सूरज की चाह में, मैं जल जाती हूँ,
पर गम की धुंध में, फिर भी मिलती हूँ।

यारा सूरज की चाह का हारा,
गम की धुंध में, खो गया बस हारा।
पर मिलती हूँ मैं हर रोज नया सफर,
गम की धुंध में भी, खोजती हूँ खुद को बार-बार।

सूरज की चाह की हारी

धूप की किरणों में खो जाती हूँ,
बारिश की बूंदों में बिखर जाती हूँ।
सूरज की चाह में, मैं जल जाती हूँ,
पर गम की धुंध में, फिर भी मिलती हूँ।

यारा सूरज की चाह का हारा,
गम की धुंध में, खो गया बस हारा।
पर मिलती हूँ मैं हर रोज नया सफर,
गम की धुंध में भी, खोजती हूँ खुद को बार-बार।

धूप की किरणों में खो जाती हूँ,
बारिश की बूंदों में बिखर जाती हूँ।
सूरज की चाह में, मैं जल जाती हूँ,
पर गम की धुंध में, फिर भी मिलती हूँ।

यारा सूरज की चाह का हारा,
गम की धुंध में, खो गया बस हारा।
पर मिलती हूँ मैं हर रोज नया सफर,
गम की धुंध में भी, खोजती हूँ खुद को बार-बार।

धूप की किरणों में खो जाती हूँ,
बारिश की बूंदों में बिखर जाती हूँ।
सूरज की चाह में, मैं जल जाती हूँ,
पर गम की धुंध में, फिर भी मिलती हूँ।

यारा सूरज की चाह का हारा,
गम की धुंध में, खो गया बस हारा।
पर मिलती हूँ मैं हर रोज नया सफर,
गम की धुंध में भी, खोजती हूँ खुद को बार-बार।

सूरज की किरणों में छिपी,खुशियों की बातें जिन्हें सुनाना है।

सूरज की किरणों में छिपी,
खुशियों की बातें जिन्हें सुनाना है।
गम की गहराइयों में खोए,
उन्हें ढूंढ़ना ही हमें जाना है।

रात की चादर से ढकी,
मुस्कान की कहानी सुनानी है।
गहरी तारों में खोए,
उन्हें खोजना ही हमें जाना है।

दुःख के सागर में डूबे,
आशा की नौका तैरानी है।
संघर्षों से लड़कर,
जीना ही हमें जाना है।

सूरज यारा, धुप का साथी,

सूरज यारा, धुप का साथी,  
जीवन की राहों में तेरा साथ चाहिए।  
तू है संग, हर रंग में तेरा साथ चाहिए।  

जब धुंधला हो अंधकार,  
तू है संग, संग चलें हम सारे।  
चाहे जो भी हो मुश्किलें,  
तेरा साथ है, रहेंगे हम साथ हमेशा।  

तू है सूरज, मेरी जिंदगी की किरण,  
जो भी आए वक्त, हमेशा रहेगा तेरा सम्बंध।  
सूरज यारा, गम का हारा,  
तेरे बिना जीना है मुश्किल, ये सच हमें पता है।

श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...