चलो, बदलें ये दुनिया की तस्वीर,

आओ चलें नई दुनिया की ओर,
नई राहें, नए सफर और नया उत्साह संग में बोर।

चलते हैं हम, कुछ नया करने का संकल्प साथ,
बदलेंगे नज़रिया, बनाएंगे नया रास्ता विश्वास से ही मिलेगा हमें सफलता का साथ।

अब नहीं रुकेंगे, ना हारेंगे किसी हाल में,
सपनों को पूरा करने के लिए, हम लौटेंगे आवाज़ों के महासागर में।

नई दुनिया है, नई चुनौतियाँ हैं,
पर हौसले बुलंद हैं, और सपनों के पंख फैले हैं।

चलो, बदलें ये दुनिया की तस्वीर,
नए आरंभ की तैयारी, हर पल हो बेहतर।

No comments:

Post a Comment

Thanks

छाँव की तरह कोई था

कुछ लोग यूँ ही चले जाते हैं, जैसे धूप में कोई पेड़ कट जाए। मैं वहीं खड़ा रह जाता हूँ, जहाँ कभी उसकी छाँव थी। वो बोलता नहीं अब, पर उसकी चुप्प...