सफर की कहानी, बस निरंतर चलती जाती, 3

डिल लागे ना, एक अनजान सी कहानी,
दीप से दीप्ति का मिलन, जी डिप्टी के साथ रानी।

दीपक का जलना, नई रोशनी का संकेत,
उमंग की उड़ान, जीने का तरीका जो सही था यहाँ।

दोस्ती की रिश्तों में, जलन की थोड़ी सी चमक,
दिलों का मिलन, जुड़ने की राह जो सच्ची थी बात।

दिल में छूटे, कुछ अनदेखे गुमान,
यमुनानगर से दिल्ली, सफर जो भरा था ज़िन्दगानी का इमान।

सफर की कहानी, बस निरंतर चलती जाती,
मेरे साथ, कुछ अनसुने राज, जो सपनों की राह में छुपे हैं छिपते जाते।

No comments:

Post a Comment

Thanks

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...