सपनों को बुलाती है

बूँदें गिरती हैं, धरती मुस्कुराती है,
बादलों की चादर से सजी, ये शाम सुहानी है।

फूलों की महक में, दिल खो जाता है,
हर लम्हा यहाँ, प्रेम का गीत गाता है।

नदियाँ बहती हैं, रागिनी सुनाती हैं,
पर्वतों की ऊँचाई, सपनों को बुलाती है।

चाँदनी रात में, तारे सजते हैं,
हर दिशा में बस, खुशियाँ ही बिखरती हैं।

ये प्रकृति का खेल, मन मोह लेता है,
हर दिल में बस, प्यार ही भर देता है।

No comments:

Post a Comment

Thanks

अखंड, अचल, अजेय वही

अखंड है, अचल है, अजेय वही, जिसे न झुका सके कोई शक्ति कभी। माया की मोहिनी भी हारती है, वेदों की सीमा वहाँ रुक जाती है। जो अनादि है, अनंत है, ...