नई शुरुआत का महत्व



मैं जानता हूँ कि रुकावटें और नई शुरुआतें सफर का हिस्सा हैं,
ये वही पल हैं, जो मुझे बढ़ने और नई राहें दिखाते हैं।

कुंजी है क्रिया, डर या आराम को पीछे छोड़कर,
कभी न रुकना, कभी न ठहरना, बस मुझे आगे बढ़ना है।

हर चुनौती मेरे लिए एक अवसर बन सकती है,
मैं उसे पहचानता हूँ और कदम उठाता हूँ, अपना रास्ता बनाता हूँ।

डर को छोड़कर, मैं आगे बढ़ता हूँ,
क्योंकि मेरा सफर सिर्फ़ उस दिन खत्म होगा,
जब मैं खुद को रुकने देता हूँ।


No comments:

Post a Comment

Thanks

विचारों की अंतरंगता

मैं मानता हूँ, शारीरिक मिलन सबसे गहन नहीं होता, सबसे गहरा होता है संवाद, जहाँ शब्द नहीं, आत्माएँ मिलती हैं। यदि मैं तुम्हें अपना शरीर दूँ, त...