बरसात के रंग



बरसात की बूँदें, मीठी-सी मिठास,  
कभी बन जाएं कहर, कभी हो खास।  
पहाड़ों पे गिरती, जैसे मोती की धार,  
समुंदर से मिलती, उठती है हिलोर।

बादलों का घनघोर, जब गूँजे गगन में,  
प्रकृति के इस राग में, होती है छटा।  
नृत्य करती बिजली, आँचल में छुपाती,  
कभी गीतों की झंकार, कभी सन्नाटा।

किसी के लिए ये प्यार का गीत,  
किसी के लिए बाढ़ का विनाशकारी संगीत।  
कभी ये धरती की तृष्णा मिटाए,  
कभी गाँव-शहर सब कुछ बहाए।

बारिश के इस खेल में, छुपा है जीवन,  
कभी स्नेहिल बूँदें, कभी उफनता सागर।  
प्रकृति का ये रूप, अनंत और अद्भुत,  
हर दिल को छू जाए, कभी हल्की, कभी घोर।

---


सांसों की सरगम



**सांसों की सरगम**

सांसों की सरगम में,
लिपटी हैं अनकही बातें।
हर रात की आगोश में,
खो जाती हैं कुछ सौगातें।

सांसों के इस खेल में,
इच्छाओं का है मेल।
हर स्पर्श का जादू,
खुशियों का है झील।

कामनाओं की लहरें,
उठती हैं सागर सी।
हर बूँद की बारीकियाँ,
कहती हैं कुछ बेमिसाल सी।

अधरों पर सिगरेट की तलब,
और पीने का नशा।
हर मुरझाए पल को,
देती हैं नई आशा।

मिलन की इस बगिया में,
संग-साथ का खेल।
हर आहट की कहानी,
कहती है दिल का मेल।

चाहतों के इस बंधन में,
सपनों का है सिलसिला।
हर रात की चाँदनी में,
है मोहब्बत का काफिला।

मस्ती भरे इन पलों में,
जुड़ती हैं खुशियों की डोर।
हर धड़कन के साज पर,
गाती है दिल की कोर।

श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...