पुरानी पद्धतियों के साथ, उनकी बुद्धि को मिटाया गया है।
फिर से पौधों पर विश्वास जमाना, अपने अस्तित्व का हिस्सा पाना,
प्रकृति के संग जुड़ कर, अपनी जड़ों को पहचानना।
पत्तों की सरसराहट में, जीवन का संगीत बजता है,
उनकी निस्वार्थ सेवा से, हमारा तन-मन सजता है।
धरती का आंचल, उनकी जड़ों से संजीवनी है,
उनसे हमें मिलती, सच्ची शांति की वाणी है।
पौधों की छांव में, सजीवता का अहसास होता है,
उनके संग हम जुड़ें, तो समग्रता का विकास होता है।
प्रकृति के इस अनमोल खजाने को संजो कर,
हम अपने भविष्य को, एक नई दिशा दे सकते हैं।
आओ, पौधों से सीखें, सहनशीलता और समर्पण,
उनकी गोद में बस कर, पाएँ हम सच्चा जीवन दर्शन।
उनसे जुड़ कर, हम अपने अंदर की खोई रोशनी पा सकते हैं,
पौधे हमारे पूर्वज हैं, ये सच्चाई हम साकार कर सकते हैं।
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