प्रेम पनपता, रिश्तों में बारंबार।
सेहत मिलती, अच्छे कर्मों से रोज,
धन संचित होता, निवेशों से संजो।
शांति का वास, आत्मचिंतन में होता,
प्रतिभा उभरती, जो श्रम निरंतर होता।
यदि चाहिए जीवन में सच्चा मान,
सोचो, समझो, और करो दीर्घकाल।
लंबी अवधि में फलते हैं ये बीज,
समर्पण से मिलते, जीवन के सजीव।
मूल्य पाना हो अगर, तो रखो यही दृष्टिकोण,
दीर्घकालिक सोच, बनाओ अपना प्रबल अर्पण।
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